कभी तुम भी क्या ख्यालों में मुझे सुनते हो इसी ख्याल में हम बेख्याल से।। कभी तुम भी क्या ख्यालों में मुझे सुनते हो इसी ख्याल में हम बेख्याल से।।
कभी-कभी मेरा हाथ थामे साथ चलते-चलते तुम्हारी निगाह कहीं शून्य में अटक जाती है। कभी-कभी मेरा हाथ थामे साथ चलते-चलते तुम्हारी निगाह कहीं शून्य में...
लाज शर्म को छोड़। लाज शर्म को छोड़।
तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई कोई खैर-खबर। तेरे इंतजार में बीत गए है, ना जाने ही कितने बसंत। ना तुम आये और ना आई क...
मैं वापस जमीन पे गिर जाता रेंगता रेंगता तुझे ढूँढता तेरी बिछोह मे आखरी साँसें गिनता मैं वापस जमीन पे गिर जाता रेंगता रेंगता तुझे ढूँढता तेरी बिछोह मे आखरी ...
सावन में इस बार झूमकर बादल जैसे बरसेंगे देर रात तक रात रानी के फूलों जैसे महकेंगे सावन में इस बार झूमकर बादल जैसे बरसेंगे देर रात तक रात रानी के फूलों जैसे महक...